कभी आपने सोचा है? क्या हम बिहारी सब दिन दूसरे के काम करने के लिए जन्म लिए है! क्या हम बिहारी सिर्फ नौकर बनने के लिए जन्म लिए है? क्या हमें कंपनी का मालिक बनने का हक नहीं है?
बनने का हक है,
जी नहीं हमारे नेताओ ने बिहार का विकास नहीं किया, जिसका परिणाम है, आज हम लोग बिहार से बाहर, दूसरे के यहाँ मजदूरी करने को बेवस है! क्या हमारे बिहार में, नौकरी नहीं मिल सकती - जबाब है, नहीं? बिहार में सरकारी संसाधनों का आभाव है, सरकारी तंत्र से जुड़े लोग, जनता के सम्पति का दोहन कर रहे है! ये दोहन सरकारी तंत्र कभी भी नहीं कर सकता अगर बिहार के नेता अगर कुंठित मानसिकता के नहीं होते!
लेकिन आपका हक़ बिहार के बाहर का नेता छिन लेता है, साथ देते है आपके बिहारी नेता! आज समय आया है, की बिहार को अलग राज्य का दर्जा मिले, सब साथ होकर इस कार्य को आगे बढ़ाये।
जरा उनलोगो से पूछने की जरुरत है, जो लोग बिहार से बाहर काम करते है, जरा उनके दर्द को सुनो समझो, ये हम बिहारियों का हक़ नहीं की हम अपनी जिंदगी अच्छे तरीके से जिए!